मेरा घर बुलाता है। (mujhe mera ghar bulata hai) hindiiikaviii new poetry home poetry mera ghar poetry

Official blogger



The career study blog


जीवन के जिस पड़ाव मे आप अकेला महसूस करते है।ज्यातर वहलोग जो घर से बाहर रहते है। वे अपन घर को याद करते है।उनके लिये ये चंद लाइने अगर अच्छी लगे तो जरूर शेयर करें।


 मुझे मेरा घर बुलाता है।

जहां खेला मै माटी।
जहां कि मैने शैतानिया।
सोता था जहां शुकून से।
जहा हर तरफ है यादो कि निशानिया।
बहुत बडा न सही पर
उसके सामने छोटी फीकी सी लगती है दुनिया।
 शहरो के इन मकानो मे जब मेरा दम घुटने लगता है।
लगता हू जब अकेला सा इस भीड मे मै।
तब वो मेरे घर का चौखट याद आता है।

 मुझे मेरा घर बुलाता है।
जीवन का अनमोल हिस्सा मै जहा जिया।
खेला हंसा शरारते न जाने क्या क्या किया।
तेरे पास जितना भी जिया मै खुल के जिया।
बात सच्चे जीवन की हो।
जब बात सच्चे धन की हो।
जब बात मेरे मधुवन की हो।
बस तेरा ख्याल ही आता है।

मेरा घर मुझे बुलाता है।




आपका धन्यवाद 
Follow on instargarm hindiiikaviii007
Subscribe our youtube chanel - hindiiikaviii

Jay shri ram














टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Bhajikhera a spacial village

देखो बहता निर्मल जल कुछ बोल रहा (hindiiikaviii007 poetry )

Modi rojgar do song modi b do trending