क्या यही विकास है।(kya yahi vikash hai) HINDIIIKAVII POETRY
नमस्कार दोस्तो आज के समय मे प्रकाति के साथ जिस तरह से खिलवाड किया जा रहा है। वह एक गंभीर समस्या है। जिस तरीके से विकास के चकाचौंध मे प्रकाति का दोहन किया जा रहा है। जिसके लिये युवाओ को आगे आना होगा ।
राजनीतिक पार्टी सिर्फ राजनीति रूप से ऐसे मुद्दो पर फंसी है जो उन्हे फायदा दो।
इस विषय पर हमारी प्रस्तुति
SAVE THE TREE
क्या यही विकास है।
Kya yahi vikash hai
क्या यही विकास है।
काटकर वृक्षो को गिराया जा रहा है।
पुरानी चीजो को सिरे से मिटाया जा रहा है।
मानवीय सुख के लिये अबोध जीवो को मोत के मुह मे डुबाया जा रहा है।
कहते है वो स्वच्छ बनेगी दुनिया ।
पर समुद्र को कचरे मे सजाया जा रहा है।
हर तरफ धुआ ही धुआ हर तरफ प्रदूषण राख है।
क्या यही है उन्नति क्या यही विकास है।
आज के सुख के लिये वो कई पीढियो को गर्त मे डुबा रहे।
धन के लिये इंसान इस प्रकति को मिटा रहे।
वनो को साफकर वो नये घर बना रहे।
क्या वे सांस भी ले पायेंगे या नही
क्योकि आज तुम काट रहे वो अगली पीढ़ियो की सांस है।
क्या यही है उन्नति क्या यही विकास है।
काटकर वृक्षो को गिराया जा रहा है।
पुरानी चीजो को सिरे से मिटाया जा रहा है।
मानवीय सुख के लिये अबोध जीवो को मोत के मुह मे डुबाया जा रहा है।
कहते है वो स्वच्छ बनेगी दुनिया ।
पर समुद्र को कचरे मे सजाया जा रहा है।
हर तरफ धुआ ही धुआ हर तरफ प्रदूषण राख है।
क्या यही है उन्नति क्या यही विकास है।
आज के सुख के लिये वो कई पीढियो को गर्त मे डुबा रहे।
धन के लिये इंसान इस प्रकति को मिटा रहे।
वनो को साफकर वो नये घर बना रहे।
क्या वे सांस भी ले पायेंगे या नही
क्योकि आज तुम काट रहे वो अगली पीढ़ियो की सांस है।
क्या यही है उन्नति क्या यही विकास है।
Jay shri ram
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