Kyu bharat ka no. 1 village hai bhajikhera ?
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जय हिंद मित्रो ।
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि भाजीखेरा भारत के मुख्य गांवो मे से जाना जाता है । भाजीखेरा की कुछ अनोखी बाते, उसका स्वर्णिम इतिहास उसे अलग बनाता है ।
भाजीखेरा पूरे भारत वर्ष का एकमात्र ऐसा गांव रहा है जो कभी किसी का गुलाम नही रहा है । इसके पीछे इस गांव की एकता संगठन और उनका साहस था। कहते है यहा के लोग बाहर की दुनिया से कम मतलब रखते थे । क्योंकि भाजीखेरा पुराने समय मे भी आत्मनिर्भर और विकसित गांव था । यहां के लोगो ने चने की खेती विश्व मे पहली बार की थी ।और इसी के कारण इसे भाजीखेरा नाम दिया गया था । चीनी यात्री फाह्यिम का कहना था कि भाजीखेरा विश्व की सबसे खुशहाल रियायत थी ।
यहा कि कानून व्यवस्था को चलाने के लिये हर वर्ग के बुध्द जीवियो की एक पंच सभा होती थी जो न्यायिक कार्यो के लिए बनाई गई थी । यहां भगवान् शिव का भव्य मंदिर है। जो बहुत प्रसिद्ध है ।
भाजीखेरा कुछ समय पहले हि एक नये रूप मे उतरा है । इसीलिए अभी भी इसकी कुछ झलकिया यहा के पुराने इतिहास से परिचित कराती है।
भाजीखेरा को चने, वैज्ञानिक क्रषि , तथा संवैधानिक व्यवस्था का जनक कहा जाता है।
जय हिंद मित्रो ।
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि भाजीखेरा भारत के मुख्य गांवो मे से जाना जाता है । भाजीखेरा की कुछ अनोखी बाते, उसका स्वर्णिम इतिहास उसे अलग बनाता है ।
भाजीखेरा पूरे भारत वर्ष का एकमात्र ऐसा गांव रहा है जो कभी किसी का गुलाम नही रहा है । इसके पीछे इस गांव की एकता संगठन और उनका साहस था। कहते है यहा के लोग बाहर की दुनिया से कम मतलब रखते थे । क्योंकि भाजीखेरा पुराने समय मे भी आत्मनिर्भर और विकसित गांव था । यहां के लोगो ने चने की खेती विश्व मे पहली बार की थी ।और इसी के कारण इसे भाजीखेरा नाम दिया गया था । चीनी यात्री फाह्यिम का कहना था कि भाजीखेरा विश्व की सबसे खुशहाल रियायत थी ।
यहा कि कानून व्यवस्था को चलाने के लिये हर वर्ग के बुध्द जीवियो की एक पंच सभा होती थी जो न्यायिक कार्यो के लिए बनाई गई थी । यहां भगवान् शिव का भव्य मंदिर है। जो बहुत प्रसिद्ध है ।
भाजीखेरा कुछ समय पहले हि एक नये रूप मे उतरा है । इसीलिए अभी भी इसकी कुछ झलकिया यहा के पुराने इतिहास से परिचित कराती है।
भाजीखेरा को चने, वैज्ञानिक क्रषि , तथा संवैधानिक व्यवस्था का जनक कहा जाता है।
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